हिम्मत के पंख और हौसलों की उड़ान,,, IT’S ON
कितनी खुशी मिलती है ना, जब हम किसी नन्हे से अंकुरित पौध को देखते हैं जो की धरती का सीना से लड़कर उपर बढ़ता रहता है, ऐसा लगता है जैसे धरती मां ने उस नन्हे से बीज को अपनी कोख में संभाला हुआ था और अब वो उसे जन्म दे रही है। लेकिन उस नन्हे से बाल पौध को अब खुद ही संभलना होता है बारिश से, धूप से, हवा से, सभी से खुदको बचा कर, लड़ना होता है और बनना होता है मजबूत पेड, जो आश्रय देता है पक्षियों को, हवा देता है जानवरो को, खाना देता है मनुष्यो को और फिर बारिश भी देता है अपनी धरती मां को। कुछ ऐसी ही कहानी है हमारे एक पहाड़ी छात्र की, शायद ये एक की नहीं बहुत से पहाड़ी की है जो अपने दूर दराज के छोटे से गांव से शहर के ओर चल पड़े एक अंकुरित बीज के तरह और शहर के थपेड़ों, उलझनों ओर परेशानियों को भी अपना एक अनुभव समझते रहे, लगातार आगे बढ़ते रहे ओर अपनी जड़े मजबूती से फैलाते भी रहे। इसी क्रम में इसी जज्बात, हिम्मत और हौसले के साथ एक कदम और आगे बढ़ाया है हमारे एक पुराने छात्र राजीव पैनुली ने।
हम सभी कुलिनरी कॉलेज की ओर से आपके नये रेस्टोरेंट के उद्धघाटन की बहुत बधाई देते हैं । राजीव ने अपना रेस्टोरेंट यार मित्र कैफे, सूरी चौक, रेस कोर्स, देहरादून में खोला है, जो की आज के युवाओं की पसंदीदा जगहों में से एक है जहां पर युवाओं को व्यंजन के बहुत सारे विकल्प मिल जाते हैं। क्योंकि आप भी एक युवा हैं तो उनकी पसंद का खयाल आप अच्छे से रखेंगे और जल्दी ही यार मित्र कैफे को लोकप्रिय बना देंगे, ऐसा हमारा विश्वास है।
इस समय जब बहुत से लोग रेस्टोरेंट और होटल व्यवसाय के बारे में नकारातमकता फैला रहे हैं वहीं आप जैसे लोग अपनी उम्मीद ओर हिम्मत से इसे एक सकारात्मक रूप देने के कोशिश भी कर रहे हैं, और अपने ही लोगो के लिए रोजगार की नई राहें भी दे रहे हैं।
राजीव आप इस संदेश को सही रूप से सत्य सिद्ध करने जा रहे हैं,,,,
Yesterday is not ours to recover, but tomorrow is ours to win or lose
ईश्वर से प्रार्थना है की आप ऐसे ही आगे बढ़ते जाएं ओर सबको प्रेरणा दे। एक बार पुनः ढेर सारी शुभकामनाएं आपके जीवन की नई चुनौती के लिए।।।।